गुनाह करके सजा से डरते है,
ज़हर पी के दवा से डरते है.
दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है....
तरसती हैं बाहें इक बार तो गले लगा ले,
हर पल बेबस मरता है इसको तू सहला दे !
कुछ जीने की चाहत बाकि है जो दिल में,
उन्हें तू आकर मौत के साये से छुड़ा ले !!
मेरी आँखेंभी एक दिन ....
मुझसे यह कह देगी..
ख्वाब ना उसका देखा करो...
हमसे अब रोया नहीं जाता...
ज़हर पी के दवा से डरते है.
दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है....
तरसती हैं बाहें इक बार तो गले लगा ले,
हर पल बेबस मरता है इसको तू सहला दे !
कुछ जीने की चाहत बाकि है जो दिल में,
उन्हें तू आकर मौत के साये से छुड़ा ले !!
मेरी आँखेंभी एक दिन ....
मुझसे यह कह देगी..
ख्वाब ना उसका देखा करो...
हमसे अब रोया नहीं जाता...
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