एक दिन मुझसे कहा भगवान् ने : "मत कर इंतज़ार इस जनम में उसका.....मिलना मुश्किल हैं"
मैंने भी कह दिया : "लेने दे मजा इंतज़ार का...अगले जनम में तो मुमकिन हैं..??!!"
फिर भगवान ने कहा : "मत कर इतना प्यार...पछताएगा..."
मुस्कुरा कर मैंने कहा : "देखते हैं तू मेरी रूह को कितना तड्पाएगा...."
फिर भगवान् ने कहा : "हटा उसे, चल में तुजे स्वर्ग की अप्साराओ से मिलाता हूँ.."
मैंने कहा : "आ निचे....देख मेरे यार का मुस्कुराता चहेरा....तू स्वर्ग की अप्सरा भूल जायेगा.."
गुस्से में कहा भगवान् ने : "मत भूल अपनी औकात....तू तो एक इंसान हैं..."
मैंने कहा : "तो मिला दे मुझे मेरे यार से....और साबित कर की तू ही भगवान् हैं..."
Monday, 11 June 2012
Friday, 6 April 2012
Hetal Mahendrakumar Sangani : दिल कीआरज़ू......
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले....
लो बन गया नसीब की तुम हम से आ मिले.....
आँखों के एक इशारे की ज़हमत तो दीजिए....
कदमो में दिल बिछा दूं इजाजत तो दीजिए....
ग़म को गले लगा लू जो जखम आप का मिले....
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले....
हमने उदासियो में गुजारी हें ज़िन्दगी....
लगता था दर फरेब, बेवफाई से कभी कभी....
ऐसा ना ही की ज़ख़्म फिर नया कोई मिले....
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले....
कल तुम जुदा हुए थे जहा साथ छोड़ कर....
हम आज तक खड़े हैं उस्सी दिल के मोड़ पर...
हम को इस इंतज़ार का कुछ तो सिल्लाह मिले....
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले....
लो बन गया नसीब की तुम हम से आ मिले.....
आँखों के एक इशारे की ज़हमत तो दीजिए....
कदमो में दिल बिछा दूं इजाजत तो दीजिए....
ग़म को गले लगा लू जो जखम आप का मिले....
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले....
हमने उदासियो में गुजारी हें ज़िन्दगी....
लगता था दर फरेब, बेवफाई से कभी कभी....
ऐसा ना ही की ज़ख़्म फिर नया कोई मिले....
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले....
कल तुम जुदा हुए थे जहा साथ छोड़ कर....
हम आज तक खड़े हैं उस्सी दिल के मोड़ पर...
हम को इस इंतज़ार का कुछ तो सिल्लाह मिले....
दिल की यह आरज़ू थी कोई दिलरुबा मिले....
Friday, 10 February 2012
Hetal Mahendrakumar Sangani: My First Love
गुनाह करके सजा से डरते है,
ज़हर पी के दवा से डरते है.
दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है....
तरसती हैं बाहें इक बार तो गले लगा ले,
हर पल बेबस मरता है इसको तू सहला दे !
कुछ जीने की चाहत बाकि है जो दिल में,
उन्हें तू आकर मौत के साये से छुड़ा ले !!
मेरी आँखेंभी एक दिन ....
मुझसे यह कह देगी..
ख्वाब ना उसका देखा करो...
हमसे अब रोया नहीं जाता...
ज़हर पी के दवा से डरते है.
दुश्मनो के सितम का खौफ नहीं हमे,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है....
तरसती हैं बाहें इक बार तो गले लगा ले,
हर पल बेबस मरता है इसको तू सहला दे !
कुछ जीने की चाहत बाकि है जो दिल में,
उन्हें तू आकर मौत के साये से छुड़ा ले !!
मेरी आँखेंभी एक दिन ....
मुझसे यह कह देगी..
ख्वाब ना उसका देखा करो...
हमसे अब रोया नहीं जाता...
Monday, 23 January 2012
Hetal Mahendrakumar Sangani: ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ
જયારે અંધારા ભણી નીકળી એ મધરાત,
ત્યારે અજવાળા પાથરતો ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
ખુલ્લું આકાશ જોઇને એને પણ મહાલવું હતું,
એટલે તો દિ' આથમતા ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
નજર એને શું લાગવાની! બધાથી અળગો છે,
છતાયે ઘરથી થોડે દૂર ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
જો જો તમે, એ પણ પીગળી જવાનો સવારથી,
અત્યારે ભલે પાંગરતો ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
આ સુદ અને વદ માં શું રાખવું યાદ,
થઇ હશે પૂનમ! એટલે જ ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
ત્યારે અજવાળા પાથરતો ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
ખુલ્લું આકાશ જોઇને એને પણ મહાલવું હતું,
એટલે તો દિ' આથમતા ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
નજર એને શું લાગવાની! બધાથી અળગો છે,
છતાયે ઘરથી થોડે દૂર ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
જો જો તમે, એ પણ પીગળી જવાનો સવારથી,
અત્યારે ભલે પાંગરતો ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
આ સુદ અને વદ માં શું રાખવું યાદ,
થઇ હશે પૂનમ! એટલે જ ઉગ્યો પૂનમનો ચાંદ.
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